एक सैनिक -
उसकी आँखों में सारा हिन्दुस्तान दिखता है
उसका जमीर उन नेताओं सा नहीं है
जो खुलेआम चौराहों पे बिकता है|
उस नीदी आँखों को लेके एकटक किसी मुल्क की तरफ देखना
बन्दूखो की गर्माहट के बीच अपनी आखो को सेंकना
अपनी सारी मजबूरियों को सीने से निकाल के फेंकना
उसकी बर्दी का रंग जो उसे सबसे प्यारा लगता है
वही वो कपड़ा है जिसमे वो सबसे अच्छा दिखता है
मुल्क सो रहा है चैन से इससे उसे सुकून सा मिलता है
अपने मुल्क की तरक्की में उसका चहेरा फूल सा खिलता है
वो एक सैनिक ही है
जो मौत से भी हसकर के मिलता है
हसकर के मिलता है |
एकटक लगातार एक तरफ देखना
ख्याल घर का आये फिर भी मुल्क के लिए सोचना
उसकी माँ, उसकी बीवी , उसके बच्चे
उसके जहन में कुछ ऐसे आते है
की फिर आँखों से आँसू खुद बखुद निकल आते है |
कभी याद आ जाती है उसको माँ की वो बात
बेटा कभी रहा भी कर बहु और बच्चो के साथ
माँ की बातो का वो जवाब नहीं दे पाता
कौन सा वक्त इस दुनिया में आखिरी है उसका
वो खुद नहीं समझ आता
खुद नहीं समझ आता |